कश्मीर से जुड़े कुछ तथ्य

.....आजादी के समय भारत में देशी रियासतों की संख्या लगभग पौने छह सौ थी। इनमें हैदराबाद (आबादी करीब 1 करोड़ 60 लाख), मैसूर (73 लाख), त्रावणकोर (60 लाख), और जम्मू -कश्मीर (40 लाख) ( आबादी के आंकड़े 1941 की जनगणना के आधार पर ) ही चार बड़ी रियासतें थीं। क्षेत्रफल के मामले में जम्मू - कश्मीर की रियासत ही सबसे बड़ी थी। ब्रिटिश सत्ता की समाप्ति पर जम्मू कश्मीर की रियासत तीन विकल्पों से खेल रही थी - 1- पाकिस्तान में शामिल हो, 2- भारत में शामिल  हो, 3- स्वतंत्र रहे। रियासत की स्थिति यह थी कि महाराजा हिंदू था और 78 प्रतिशत आबादी मुसलमान । भौगोलिक लिहाज से रियासत भारत की अपेक्षा पाकिस्तान से अधिक जुड़ी थी। 1947 के पहले कश्मीर में बाहर से रसद उस इलाके से ही होकर आती थी जो विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में आया। ऐसे में महाराजा दुविधा में था। उसे लार्ड माउंटबेटन ने जुलाई 1947 की अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान यह आश्वासन भी दिया कि अगर वह अपनी रियासत को पाकिस्तान में शामिल करना चाहता है तो भारत सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी। महाराजा दरअसल भारत या पाकिस्तान किसी में शामिल नहीं होना चाहता था और स्वतंत्र रहना मुमकिन नहीं जान पड़ता था।.....